Shodashi Secrets
Wiki Article
हरिप्रियानुजां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥७॥
The Mahavidya Shodashi Mantra supports emotional balance, endorsing therapeutic from past traumas and inner peace. By chanting this mantra, devotees discover release from negative thoughts, developing a balanced and resilient way of thinking that assists them encounter lifetime’s worries gracefully.
ध्यानाद्यैरष्टभिश्च प्रशमितकलुषा योगिनः पर्णभक्षाः ।
Charitable acts including donating food and dresses to the needy are also integral into the worship of Goddess Lalita, reflecting the compassionate element of the divine.
वर्गानुक्रमयोगेन यस्याख्योमाष्टकं स्थितम् ।
The Mahavidya Shodashi Mantra can also be a strong Resource for the people looking for harmony in individual associations, creative inspiration, and assistance in spiritual pursuits. Standard chanting fosters psychological healing, boosts instinct, and assists devotees entry larger knowledge.
कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और Shodashi डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —
षट्पुण्डरीकनिलयां षडाननसुतामिमाम् ।
रविताक्ष्येन्दुकन्दर्पैः शङ्करानलविष्णुभिः ॥३॥
षोडशी महाविद्या : पढ़िये त्रिपुरसुंदरी स्तोत्र संस्कृत में – shodashi stotram
Philosophically, she symbolizes the spiritual journey from ignorance to enlightenment and is also connected to the supreme cosmic electrical power.
ह्रीं ह्रीं ह्रीमित्यजस्रं हृदयसरसिजे भावयेऽहं भवानीम् ॥११॥
इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।
Chanting this mantra is considered to invoke the combined energies and blessings of the goddesses linked to Each and every Bija mantra. It may be used for many uses including attracting abundance, trying to find expertise, invoking divine femininity, and fostering spiritual advancement and transformation.